First AI supercomputer Gefion kya hai

दुनिया का पहला AI सुपरकंप्यूटर 'गेफियोन': डेनमार्क की क्रांतिकारी पहल

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में डेनमार्क ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपना पहला AI सुपरकंप्यूटर 'गेफियोन' (Gefion) लॉन्च किया है। यह पहल देश के अनुसंधान, उद्योग और स्टार्टअप्स के लिए नए द्वार खोलती है, जिससे वे बड़े पैमाने पर AI परियोजनाओं को साकार कर सकते हैं।

'गेफियोन' क्या है? Gafion kya hai in hindi 

'गेफियोन' एक NVIDIA DGX SuperPOD आधारित AI सुपरकंप्यूटर है, जिसमें 1,528 NVIDIA H100 टेंसर कोर GPU शामिल हैं। यह अत्याधुनिक तकनीक डेनमार्क के वैज्ञानिकों और उद्यमियों को जटिल AI मॉडल और एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने में सहायता करेगी, जिससे अनुसंधान और विकास में तेजी आएगी। 

गेफियोन का नामकरण और महत्व

'गेफियोन' का नाम नॉर्स पौराणिक कथाओं की देवी के नाम पर रखा गया है, जो उर्वरता, कृषि और समृद्धि की प्रतीक हैं। यह नामकरण डेनमार्क की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक तकनीकी प्रगति के बीच के संबंध को दर्शाता है। 

 गेफियोन का उद्घाटन समारोह

अक्टूबर 2024 में कोपेनहेगन में आयोजित एक समारोह में, डेनमार्क के राजा फ्रेडरिक X, NVIDIA के सीईओ जेन्सेन हुआंग, और डेनिश सेंटर फॉर AI इनोवेशन (DCAI) की सीईओ नादिया कार्ल्स्टन ने संयुक्त रूप से 'गेफियोन' का शुभारंभ किया। यह समारोह डेनमार्क की AI क्षेत्र में अग्रणी बनने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

साझेदारी और सहयोग

'गेफियोन' परियोजना DCAI, NVIDIA, और यूरोपीय उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग नेता Eviden के बीच एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी का परिणाम है। Eviden ने सुपरकंप्यूटर की स्थापना और कॉन्फ़िगरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि Digital Realty ने इसे अपने डेनमार्क स्थित डेटा सेंटर में होस्ट किया है, जो 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर संचालित है। 

गेफियोन का अनुप्रयोग और भविष्य की संभावनाएं

'गेफियोन' का उद्देश्य दवा खोज, जलवायु अनुसंधान, और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को सशक्त बनाना है। यह डेनमार्क के उद्यमों, स्टार्टअप्स, और शैक्षणिक संस्थानों को AI के माध्यम से नवाचार करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में मदद करेगा। 

निष्कर्ष

'गेफियोन' AI सुपरकंप्यूटर के लॉन्च के साथ, डेनमार्क ने वैश्विक AI परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान स्थापित किया है। यह पहल न केवल देश के तकनीकी विकास को गति देगी, बल्कि समाज के व्यापक लाभ के लिए AI के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग को भी प्रोत्साहित करेगी।


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